"पापा"
मैं दिखता हूं अपनी माँ जैसा,
सब कहते है, सच कहते है।
पर मैं हु अपने पापा का बेटा,
जिसने मुझे कंधेपर बिठाकर ,
संसार का मेला दिखाया।
जिसके सहारे चलकर,
मैं आगे बढा।
जब छुटे सारे साथ मेरे ,
फिर भी एक हाथ था ,
साथ मेरे।
वह थे मेरे पापा
संसार को किसने बनाया ,
मैं नहीं जानता,
ये दुनिया कितनी बड़ी है,
मैं ये भी नही जानता ,
बस मेरे पापा मेरे पास है ,
मैं इतना ही जनता।
अपने हाथों में सिमटकर ,
अपनी बाहो में लिपटाकर
पूरी दुनिया की सेर कराये ,
ऐसे है मेरे पापा।।
( दीपक )
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