न " माँ"
बच्चा जब पैदा होता तो ,
तो कहता सबसे पहले "माँ",
बच्चा जब चलता तो,
सहारा देती माँ।
बच्चा जब पढ़ने जाता ,
तो दुलार करती माँ।
बच्चा जब खाना खाता,
तो प्यार करती माँ
जीवन का एक क्षण न होगा
माँ के बिना।
फिर जब बेटा होता जवान ,
क्या फिर मिट जाती है उसकी ज़ुबान?
न करता फिर याद वह माँ को
है रहता फिर उससे अलग ।
माँ को चाइए था जब सहारा,
तो उसे छोड़ उसको वृदाश्रम के द्वार,
माँ को चाइए था जब समय ,
तो किया व्यवसाय का बहाना ,
गया भूल वह उस अदभुद क्षणों को जब त्याग किया उसके लिए माँ ने ।
क्या माँ का यही उपहार है,
- शायद यही उसके प्रेम का उपहार है।।
(दीपक )
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